Then Wi-Fi will not be able to crack . तब क्रैक नहीं हो पाएगा वाई-फाई
वाई-फाई कनेक्शन को सुरक्षित करने के लिए आपको कुछ जरूरी कदम उठाने होंगे। प्रत्येक डिवाइस, जो आपके निजी नेटवर्क से जुड़ा होगा, उसमें एक यूनिक आईपी एड्रेस नजर आता है। इसे राउटर सेटिंग्स के माध्यम से कनेक्टेड डिवाइस (क्लाइंट) की लिस्ट में देखा जा सकता है,
इसलिए यदि आप अपने नेटवर्क पर कुछ संदिग्ध नाम पाते हैं, जिसे आप नहीं पहचानते हैं तो सबसे अधिक संभावना है कि कोई आपकी जानकारी के बगैर आपका इंटरनेट इस्तेमाल कर रहा है। अगर आपको कोई नाम दिखाई नहीं देता है, तब भी आप यह पता लगा सकते हैं कि वाई-फाई की स्पीड धीमी क्यों हो रही है।
इसके लिए आप जुड़े डिवाइस की संख्या की जांच करके, उस व्यक्ति का पता लगा सकते हैं, जिसे आप नहीं पहचानते हैं। अगर आपने घर, दुकान या दफ्तर में नया वाई फाई कनेक्शन लिया है
तो सुनिश्चित करें कि एक मजबूत पासवर्ड सेट किया जाए। कुछ भरोसेमंद लोगों के अलावा किसी के साथ भी अपने वाई-फाई कनेक्शन की जानकारी या पासवर्ड साझा न करें।
अक्सर देखा गया है कि तकनीक की ज्यादा जानकारी न होने के कारण भी हम कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे वाई-फाई सिक्योरिटी को क्रेक करना आसान हो जाता है। स्लो कनेक्शन के अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे- सर्वर की समस्या, नेटवर्क को रोकने वाली दीवारें और सामान आदि।
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